प्रश्न01:- चुंबक किसे कहते हैं यह कितने प्रकार का होता है
उत्तर - चुंबक(magnet):- चुंबक उस पदार्थ को कहते हैं जो चुंबकीय पदार्थों को अपनी ओर आकर्षित करता है तथा अन्य चुंबक की अनुपस्थिति में स्वतंत्र पूर्वक लटकाए जाने पर सदैव उत्तर दक्षिण दिशा में ठहरता है चुंबक के चुंबकीय पदार्थों को अपनी ओर आकर्षित करने के गुण को चुंबकत्व (magnetism) कहते हैं
चुंबक के प्रकार- चुंबक दो प्रकार के होते हैं
कृत्रिम चुंबक
प्राकृतिक चुंबक
प्राकृतिक चुंबक(natural magnet) - जो चुंबक प्रकृति से प्राप्त होते हैं उसे प्राकृतिक चुंबक कहते हैं मैग्नेटाइट एक प्राकृतिक चुंबक है
प्राकृतिक चुंबक की आकृति विषम होती है अर्थात इसे किसी भी निश्चित आकृति में नहीं डाला जा सकता इसके अतिरिक्त इस की आकर्षण शक्ति क्षीण(कम) होती है अतः व्यवहार में प्राकृतिक चुंबक का उपयोग बहुत कम लगभग नगण्य होता है
पृथ्वी एक स्थाई चुंबक के भांति व्यवहार करती है
कृत्रिम चुंबक(artificial magnet)- मनुष्यों द्वारा निर्मित चुंबक को कृत्रिम चुंबक कहते हैं यह आवश्यकता अनुसार शक्तिशाली तथा किसी भी आकृति के बनाए जा सकते हैं
यहां कुछ कृत्रिम चुंबक के चित्र दर्शाए गए हैं जो कि निम्न प्रकार से स्पष्ट हैं नीचे दिए गए चित्र में प्रदर्शित हैं
प्रश्न02:- निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए
चुंबकीय अक्ष
चुंबकीय याम्योत्तर
चुंबक की प्रभावी लंबाई
ध्रुव प्रावल्य
चुंबकीय द्विध्रुव और चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण
उत्तर -
चुंबकीय अक्ष(magnetic axis) - किसी चुंबक के दोनों ध्रुवो को मिलाने वाली रेखा को चुंबक का अक्ष कहते हैं
चित्र - चुंबकीय अक्ष का चित्र
चुंबकीय याम्योत्तर(magnetic meridian)- स्वतंत्रता पूर्वक लटके हुए चुंबक के चुंबकीय अक्ष से गुजरने वाले ऊर्ध्वाधर समतल को चुंबकीय याम्योत्तर कहते हैं
चित्र - चुंबकीय याम्योत्तर का चित्र
चुंबक की प्रभावी लंबाई(effective length of a magnet)- किसी चुंबक के दोनों ध्रुवो के बीच की दूरी को उसकी प्रभावी लंबाई कहते हैं इसे 2 l से प्रदर्शित करते हैं चुंबक के ध्रुव ठीक से पर नहीं होते अतः चुंबक की प्रभावी लंबाई उसकी ज्यामिति लंबाई से कुछ कम होती है
चुंबक की प्रभावी लंबाई = 5/6×चुंबक की ज्यामिति लंबाई
ध्रुव प्रावल्य - किसी चुंबक या चुंबकीय द्विध्रुव का ध्रुव प्रावल्य
उसकी वह शक्ति होती है जिससे वह चुंबकीय पदार्थों को अपनी ओर आकर्षित करता है ध्रुव प्रावल्य को ध्रुव सामर्थ्य भी कहते हैं या ध्रुव शक्ति भी कहते हैं किसी चुंबक के दोनों ध्रुवो के ध्रुव प्रावल्य
समान होते हैं ध्रुव प्रावल्य को m से प्रदर्शित करते हैं इसका S. I. मात्रक एंपीयर मीटर और विमीय सूत्र [ M°L-¹T°A¹ ] होता है
चुंबकीय द्विध्रुव और चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण (Magnetic dipole and dipole moment)- उस व्यवस्था को चुंबकीय द्विध्रुव कहते हैं जिसमें समान ध्रुव प्रावल्य के दो विजातीय ध्रुव एक दूसरे से अल्प दूरी पर स्थित होते हैं
जैसे - छड़ चुंबक , चुंबकीय सुई ,धारावाही कुंडली आदि
चुंबकीय द्विध्रुव के ध्रुव प्रावल्य m और उसकी प्रभावी लंबाई 2I के गुणनफल को चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं इसे m से प्रदर्शित करते हैं
चुंबकीय द्विध्रुव और चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण सूत्र के रूप में
= m= m×2l
यह एक अदिश राशि है इसकी दिशा चुंबकीय अक्ष के अनुदिश S ध्रुव से N ध्रुव की ओर होती है
इसका S. I. मात्रक एंपीयर मीटर² या जूल / टेस्ला है
चुंबकीय द्विध्रुव और चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण का विमीय सूत्र [ M°L²T°A¹ ] निम्न हैं।
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