प्रश्न01:- धारामापी को अमीटर और वोल्टमीटर में किस प्रकार रूपांतरित करते हैं
उत्तर- धारामापी का अमीटर में रूपांतरण(conversian of galvanometer into ammeter)- अमीटर एक ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से किसी परिपथ में रहने वाली धारा को मापा जाता है
धारामापी को अमीटर में रूपांतरित करने के लिए उसकी कुंडली के साथ समांतर क्रम में कम प्रतिरोध का तार जोड़ देते हैं जिसे हम शण्ट कहते हैं
माना धारामापी की कुंडली का प्रतिरोध G तथा शण्ट का प्रतिरोध S है यदि कुंडली में Ig धारा प्रवाहित करने पर पूर्ण विक्षेप होता है तथा मुख्य धारा का मान I हो तो शण्ट से प्रवाहित होने वाली धारा का मान (I-Ig)होगा
धारामापी और समांतर शण्ट क्रम में जुड़े हैं
अतः धारामापी के सिरों के बीच विभांतर शण्ट के सिरों के बीच विभांतर के बराबर होगा (I-Ig)S =IgG
S = IgG /(I-Ig)
इस प्रकार जब इस मान का शण्ट धारामापी के साथ समांतर क्रम में जोड़ा जाता है तो धारामापी अमीटर में रूपांतरण हो जाती है
धारामापी का वोल्टमीटर में रूपांतरण ( conversion of galvanometer in voltmeter)- वोल्टमीटर एक ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से परिपथ के किन्हीं दो बिंदुओं के बीच का विभांतर ज्ञात किया जाता है
धारामापी को वोल्टमीटर में परिवर्तित करने के लिए इसकी कुंडली के साथ श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध का तार जोड़ दिया जाता है
माना धारामापी की कुंडली का प्रतिरोध तथा इसके साथ ही क्रम में जोड़े गए प्रतिरोध का मान R है तब यदि इसमें I धारा प्रवाहित करने पर विक्षेप प्राप्त होता है तब ओम के नियम से
मापा जाने वाला विभांतर
V = Ig (G+ R)
उपर्युक्त समीकरण 1 से
R = V /Ig -G
इस प्रकार
धारामापी की कुंडली के साथ श्रेणी क्रम में इस मान का प्रतिरोध जोड देने पर धारामापी बोल्ट मीटर में परिवर्तित हो जाती है
प्रश्न02:- चुंबकीय क्षेत्र में गतिमान आवेशित कण पर लगने वाले बल की दिशा व लाने के लिए फ्लेमिंग का वाम हस्त का नियम तथा दाएं हाथ की हथेली का नियम लिखिए
उत्तर- चुंबकीय लारेंज बल से
F = qvBSinथीटा
से स्पष्ट है कि बल F की दिशा की दिशा Vवेक्टर x Bवेक्टर के अनुदेश होती है इस प्रकार यदि Vवेक्टर और Bवेक्टर दोनों X Y समतल में स्थित हो तो आवेश q पर कार्य करने वाला लॉरेंज बल Z अक्ष के अनुदिश होगा जिसे निम्नलिखित चित्र के द्वारा समझाया गया है
चुंबकीय लॉरेंज बल की दिशा को निम्न नियमों की सहायता से समझा जा सकता है
फ्लेमिंग का वाम हस्त का नियम - बाएं हाथ के अंगूठे तर्जनी और मध्यमा को इस प्रकार फैलाओ कि वे परस्पर लंबवत हो जाएं अब यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र Bवेक्टर की दिशा को तथा मध्यमा धन आवेश की गति की दिशा को प्रदर्शित करें तो अंगूठा आवेश पर लगने वाले चुंबकीय लॉरेंज बल की दिशा को प्रदर्शित करेगा.
यही फ्लेमिंग का वाम हस्त का नियम है
02. फ्लेमिंग का बाएं हाथ की हथेली का नियम - दाएं हाथ की हथेली को इस प्रकार फैलाएं की उंगलियां अंगूठे के लंबवत रहें यदि उंगलियां चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करें तथा अंगूठे धन आवेश की गति की दिशा को प्रदर्शित करें तो आवेश पर लगने वाला बल हथेली के लंबवत कार्य करेगा.
यही फ्लेमिंग का बाएं हाथ की हथेली का नियम है
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