प्रश्न 01:- प्रतिरोध ‚ प्रतिघात ‚ एवं प्रतिवाधा में अंतर स्पष्ट कीजिए
उत्तर- प्रतिरोध प्रतिघात एवं प्रतिबाधा में निम्नलिखित अंतर है
प्रश्न 02:- LR,aCके लिए निम्नलिखित ज्ञात कीजिए
परिणामी वोल्टता
परिपथ की प्रतिवाधा
परिणामी वोल्टता और धारा के बीच का अंतर
अथवा
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में प्रेरकत्व L वा प्रतिरोध R श्रेणी क्रम में जोड़े हैं परिपथ की प्रतिवाधा एवं अधिकतम धारा के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए
उत्तर- माना प्रतिरोध R प्रेरकत्व L को श्रेणी क्रम में प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में जोड़ा गया है किसी क्षण t पर परिपथ में आरोपित प्रत्यावर्ती वोल्टता को निम्न समीकरण के द्वारा व्यक्त किया जाता है
V= V०Sinओमेगा t
V= V०Sinओमेगा t
परिणामी वोल्टता - माना परिपथ में रहने वाली धारा I तथा प्रतिरोध के सिरों के बीच बोलता तथा प्रेरकत्व के सिरों के होबीच वोल्टता VL हो तो
VR.= IR---------2
VL = IXL………3
VRऔर धारा I समान कला में है किंतु I वोल्टता VL से 90° पश्चगामी होती है अतः VR और VL के मध्य कला 90° होगी
इसे निम्न आलेख में प्रदर्शित है
तब पाइथागोरस प्रमेय.
V2= VR2 + VL2
V = √VR2 + VL2
V = √ I2 R2 + I2 XL2
V = I √ R2 + XL2----------4
चुंकि XL=ओमेगा L
V= I √ R2 + ओमेगा² L2
यही परिणाम ही बोल्टता है
प्रतिबाधा - समीकरण 4 से
V / I = √ R2 + ओमेगा² L2
इसे प्रत्यावर्ती धारा परिपथ की प्रतिबाधा कहते हैं तथा इसे Z से प्रदर्शित करते हैं
Z = V / I = √ R2 + ओमेगा² L2
या
Z = √ R2 +ओमेगा² L2
कलान्तर - यदि I और V के बीच कालांतर हो तो
tanफाई= VL/VR
tanफाई= IXL/IR
tanफाई= XL/R
tanफाई=ओमेगा L/R
फाई = tan-¹ (ओमेगाL/R)
धारा - इस प्रकार LR परिपथ में बहने वाली धारा को निम्न समीकरण के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
I= I०Sin (ओमेगा t+फाई)
जहां फाई = tan-¹ (ओमेगाL/R)
I= V/Z V/√ R² + ओमेगा² L2
तथा अधिकतम मान
I०= V०/√ R² + ओमेगा² L2 ans
प्रश्न03:- अपचायी और उच्चायी ट्रांसफार्मर में अंतर स्पष्ट कीजिए
उत्तर- अपचायी और उच्चायी ट्रांसफार्मर में निम्नलिखित अंतर है
Post a Comment