प्रश्न01:- विद्युत धारा किसे कहते हैं इसके प्रकारों को लिखिए
उत्तर- आवेश प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं विद्युत धारा का वर्गीकरण उसके परिमाण और दिशा के आधार पर किया जाता है विद्युत धारा मुख्यता दो प्रकार की होती है
दिष्ट धारा
प्रत्यावर्ती धारा
दिष्ट धारा( Direct current )- दिष्ट धारा और उस धारा को कहते हैं जिसकी दिशा नियत होती है परिमाण बदले या ना बदले दिष्ट धारा का स्त्रोत को किसी परिपथ में संकेत द्वारा प्रदर्शित किया जाता है यह भी दो प्रकार की होती है
सम दिष्ट धारा
परिवर्तित दिष्ट धारा
सम दिष्ट धारा( Equal Section )- उस दिष्ट धारा को सम दिष्ट धारा कहते हैं जिसके परिमाण और दिशा समय के साथ नियत रहते हैं सेल और बैटरी से प्राप्त धारा सम लिस्ट धारा होती है
चित्र- सम दिष्ट धारा
02.परिवर्ती दृष्टि धारा( Variable vision stream )- उस दिष्ट धारा को परिवर्ती दिष्ट धारा कहते हैं जिसका परिमाण समय के साथ बदलता रहता है परंतु दिशा नियत रहती है
जब किसी परिपथ को अचानक जोड़ा या तोड़ा जाता है तब यह धारा क्षण भर के लिए प्रवाहित होती है
चित्र- परिवर्ती दिष्ट धारा
02.प्रत्यावर्ती धारा( Alternating current )- प्रत्यावर्ती धारा उस धारा को कहते हैं जिसके परिमाण और दिशा समय के साथ आवर्ती रूप से निरंतर बदलते रहते हैं डायनेमो या जनरेटर से प्राप्त धारा प्रत्यावर्ती धारा होती है
चित्र - प्रत्यावर्ती धारा
प्रत्यावर्ती धारा को निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त किया जाता है
I = I० Sinओमेगा t
जहां । धारा का तक्ष्णिक मान ।० शिखर मान तथा ओमेगा कोणिय आवृत्ति है
प्रश्न02:- प्रत्यावर्ती धारा से संबंधित निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए
प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल
बोल्टता
आयाम या शिखर मान
आवर्तकाल
आवृत्ति
उत्तर-
प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल( Alternating electric carrying force ) - प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल उस विद्युत वाहक बल को कहते हैं जिसके परिमाण और दिशा समय के साथ आवर्ती रूप से बदलते रहते हैं
प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल को निम्न समीकरण द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
E = E० Sinओमेगा t
जहां E प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल का क्षणिक मान है E० शिखर मान तथा ओमेगा कोणिय आवृत्ति है
चित्र - प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल
02. बोल्टता( Voltage )- प्रत्यावर्ती धारा परिपथ के किन्ही दो बिंदुओं के बीच विभांतर को प्रत्यावर्ती धारा बोलता कहते हैं इसे निम्न समीकरण के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
V = V० Sinओमेगा t
जहां V वोल्टता का क्षणिक मान है V० शिखर मान तथा ओमेगा कोणिय आवृत्ति है
03. आयाम या शिखर मान( Amplitude or peak value )- प्रत्यावर्ती धारा के किसी भी दशा में अधिकतम मान को उसका आयाम यश कर मान कहते हैं
समीकरण I = I० Sinओमेगा t
में I० प्रत्यावर्ती धारा का आयाम शिखर मान है
04. आवर्तकाल( Turnover time )- प्रत्यावर्ती धारा अपने परिवर्तन के एक पूर्ण चक्र में कितना समय लेती है उसे उसका आवर्तकाल कहते हैं
इसे T से प्रदर्शित करते हैं
इस प्रकार प्रत्यावर्ती धारा के लिए आवरतकाल T = 2π/ओमेगा
05. आवृत्ति( frequency )- प्रत्यावर्ती धारा 1 सेकंड में जितने चक्र पूर्ण कर लेती है उसे उसकी आवृत्ति कहते हैं
प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति वही होती है जो चुंबकीय क्षेत्र में घूमती हुई कुंडली की होती है
यदि प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति न्यू तथा आवरतकाल T है तो
न्यू = 1/T = ओमेगा/2π
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