चल कुंडली धारामापी को रेखा चित्र बनाकर समझाइए

चल कुंडली धारामापी को रेखा चित्र बनाकर समझाइए

 प्रश्न 01:- चल कुंडली धारामापी को रेखा चित्र बनाकर समझाइए

उत्तर- चल कुंडली धारामापी (moving magnet galvanometer) - इसमें एक स्थाई नाल चुंबक होता है जिसके ध्रुव N व S मुलायम लोहे के बने होते हैं तथा अवतल बेलना कार कटे होते हैं


चित्र :- चल कुंडली धारामापी 


इनके बीच एक कुंडली A फास्फोरस ब्रांच (phosphorus Bron) की पत्ती की सहायता से लटका दी जाती है कुंडली के दूसरे सिरे का संबंध स्प्रिंग S से होता है कुंडली तांबे के प्रथककृत तार को एलुमिनियम के फ्रेम पर लपेट कर बनाई जाती है इस के मध्य के रिक्त स्थान में नरम लोहे का क्रोड C होता है जो कि कुंडली को कहीं भी स्पर्श नहीं करता पत्ती F और स्प्रिंग S का संबंध आधार में लगे संयोजक पेंच P1 और P2 से होता है पत्ती F में एक समतल वृताकार दर्पण  M  लगा होता है जिस पर      प्रकाश डालकर लैंप पैमाना  व्यवस्था द्वारा      कुंडली   का  विक्षेप   ज्ञात  किया    जाता    है

यह सारा प्रबंध चुंबकीय पदार्थ के बने एक बॉक्स में बंद कर दिया जाता है ताकि धूल वायु इत्यादि का कोई प्रभाव ना पड़े बॉक्स के सामने की दीवार कांच की बनी होती है तथा आधार में समतल पेंच लगे होते हैं 


प्रश्न02:- धारामापी की सुग्राहिता से आप क्या समझते हैं यह कितने प्रकार की होती है समझाइए

                अथवा

चल कुंडली धारामापी की सुग्राहिता से आप क्या समझते हैं इसके लिए व्यंजक लिखिए तथा इसकी सुग्राहिता किन किन कारकों पर निर्भर करती है बताइए


उत्तर- धारामापी की सुग्राहिता(sensitivity of galvanometer) - कुंडली में एकांत धारा प्रवाहित करने पर उसमें उत्पन्न विक्षेप को धारामापी की सुग्राहिता कहते हैं धारामापी की सुग्राहिता दो प्रकार की होती है


  1. धारा सुग्राहिता - किसी धारामापी में एकांत धारा प्रवाहित करने पर उसकी कुंडली में उत्पन्न विक्षेप को उसकी धारा सुग्राहिता कहते हैं

  2. वोल्टता सुग्राहिता - किसी धारामापी की कुंडली के सिरों पर एकांक वोल्टता लगाने पर उसकी कुंडली में उत्पन्न विक्षेप को उसकी वोल्टता सुग्राहिता कहते हैं

यदि धारामापी में धारा I प्रवाहित करने पर उसकी कुंडली में उत्पन्न विक्षेप Q हो तो इसमें में प्रवाहित होने वाली धारा का मान निम्न होगा

          I=C/nBA  . Q

         I / Q = C/nBA


अतः धारामापी की सुग्राहिता

  S= Q / I

      = S= nBA/ C


धारामापी की सुग्राहिता निम्न कारकों पर निर्भर करती है

  1. फेरों की संख्या n पर - यदि कुंडली में फेरों की संख्या अधिक होगी तो उसकी सुग्राहिता देखोगी

  2. चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता B पर - यदि चुंबक शक्तिशाली है तो धारामापी की सुग्राहिता अधिक होगी 

  3. कुंडली के क्षेत्रफल A पर - यदि कुंडली का क्षेत्रफल अधिक है तो धारामापी की सुग्राहिता अधिक होगी

  4. नीलम्बन तार की प्रकृति C पर - यदि निलंबन तार के लिए एकांत ऐठन आघूर्ण कम है तो धारामापी की सुग्राहिता अधिक होगी

इसके लिए फास्फोरस ब्रांच की पत्ती लंबी तथा पतली होनी चाहिए


प्रश्न 03:- अमीटर और वोल्टमीटर में अंतर स्पष्ट कीजिए

उत्तर- अमीटर और वोल्टमीटर में अंतर-

    

    अमीटर

    वोल्टमीटर

इसकी सहायता से विद्युत परिपथ में प्रवाहित होने वाली धारा को मापा जाता है

इसकी सहायता से विद्युत परिपथ में किन्ही दो बिंदुओं के बीच के विभांतर को मापा जाता है

इसकी कुंडली के साथ समांतर क्रम में अल्प प्रतिरोध का शण्ट जुड़ा होता है

इसकी कुंडली के साथ श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध का तार जुड़ा होता है

इसे विद्युत परिपथ में सदैव श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है

इसे विद्युत परिपथ में सदैव समांतर क्रम में जोड़ा जाता है

इसका प्रतिरोध बहुत ही कम होता है तथा एक आदर्श अमीटर का प्रतिरोध शून्य होता है

इसका प्रतिरोध अत्यधिक होता है तथा एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध अनंत होता है


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