ओम का नियम लिखिए

ओम का नियम लिखिए

 प्रश्न01:-ओम का नियम लिखिए तथा इसके द्वारा प्रतिरोध को परिभाषित कीजिए किसी तार का प्रतिरोध किन किन कारकों पर निर्भर करता है

                        अथवा

प्रतिरोध को परिभाषित कीजिए तथा इसकी सहायता से ओम के नियम की व्याख्या कीजिए

उत्तर:- ओम का नियम - यदि किसी चालक की भौतिक अवस्था( ताप यांत्रिक विकृति) में परिवर्तन ना हो तो उस में बहने वाली धारा का मान चालक के सिरों के बीच लगाए गए विभवांतर के अनुक्रमानुपाती होती है 

इस प्रकार यदि किसी चालक में बहने वाली धारा I उसके सिरों के बीच लगाया गया विभांतर v हो तो उनकी नियमानुसार

               vअनुक्रमानुपाती I

                    v = RI

जहां R एक अनुपातिक नियतांक है जिसे चालक तार का प्रतिरोध कहते हैं


प्रतिरोध- किसी चालक का प्रतिरोध उसके सिरो  के बीच लगाए गए विभांतर और उस में बहने वाली धारा के अनुपात के बराबर होता है

शब्दों में ‚ प्रतिरोध = विभांतर/धारा


प्रतिरोध का मात्रक ओम होता है


ओम - यदि किसी चालक के सिरो के बीच 1 वोल्ट का विभांतर लगाने पर उस में बहने वाली धारा का मान 1 एंपियर हो तो उस चालक का प्रतिरोध एक ओम होता है


एक ओम = 1 बोल्ट/1 एंपियर


प्रतिरोध का विमीय सूत्र -[ML2T-³A-²]


प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक =


प्रतिरोध को निम्न कारक प्रभावित करते हैं


  1. चालक की लंबाई- किसी चालक की लंबाई बढ़ाने पर उसके प्रतिरोध का मान बढ़ जाता है


  1. चालक की अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर- मोटे तार का प्रतिरोध कम तथा पतले तार का प्रतिरोध अधिक होता है


  1. चालक के पदार्थ की प्रकृति पर- यदि चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिक है तो उसका प्रतिरोध कम होगा यदि मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या  कम है तो प्रतिरोध का मान अधिक होगा


  1. ताप पर - ताप बढ़ाने पर किसी चालक का प्रतिरोध बढ़ जाता है


 प्रश्न02:- सेल का आंतरिक प्रतिरोध किसे कहते हैं इसे  प्रभावित करने वाले कारक लिखिए

उत्तर:-  सेल का आंतरिक प्रतिरोध- जब किसी सेल में से होकर विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो सेल में प्रयुक्त विद्युत अपघट्य उसके मार्ग में रुकावट डालता है उसे उस शैल का आंतरिक प्रतिरोध कहते हैं

ऐसे r से प्रदर्शित करते हैं इसका मात्रक ओम होता है आंतरिक प्रतिरोध को सदैव सेल के साथ श्रेणी क्रम में जुड़ा हुआ. माना जाता है .


सेल के आंतरिक प्रतिरोध को निम्न कारक प्रभावित करते हैं


  1. सेल का आंतरिक प्रतिरोध बढ़ना- विद्युत अपघटन की सांद्रता बढ़ाने पर विद्युत धारा के मार्ग में प्रतिरोध डालने वाले अणुओं की संख्या बढ़ जाती है अतः सेल का आंतरिक प्रतिरोध बढ़ जाता है 

  2. इलेक्ट्रॉनों के बीच की दूरी - दोनों इलेक्ट्रॉनों के बीच की दूरी बढ़ाने पर उनके बीच विद्युत अपघट्य की मात्रा बढ़ जाती है

  3. विद्युत अपघटन के तार पर - ताप बढ़ाने पर विद्युत अपघट्य की क्षमता कम हो जाती है जिससे अयनों की विद्युतशीलता बढ़ जाती है अतः सेल आंतरिक प्रतिरोध कम हो जाता है



प्रश्न 03:- किसी चालक के प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में अंतर लिखिए

उत्तर:- प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में अंतर


  प्रतिरोध

प्रतिरोधकता (विशिष्ट प्रतिरोध)

कोई चालक विद्युत धारा के मार्ग में जो रुकावट उत्पन्न करता है उसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं

एकांक लंबाई और एकांक अनुप्रस्थ परिच्छेद वाले चालक के प्रतिरोध को उस चालक के पदार्थ की प्रतिरोधकता कहते हैं

यह चालक की लंबाई और अनुप्रस्थ परिच्छेद पर निर्भर करता है

यह चालक की लंबाई और अनुप्रस्थ परिच्छेद पर निर्भर नहीं करता

इसका S.I. मात्रक ओम होता है

इसकाS.I. मात्रक ओम मीटर होता है

इस का विमीय सूत्र [ML2T-³A-²]होता है

इस का विमीय सूत्र [ML³T-³A-²]होता है


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