किसी सेल का विद्युत वाहक बल विभवांतर एवं आंतरिक प्रतिरोध में संबंध स्थापित कीजिए

किसी सेल का विद्युत वाहक बल विभवांतर एवं आंतरिक प्रतिरोध में संबंध स्थापित कीजिए

 प्रश्न01:- किसी सेल का विद्युत वाहक बल विभवांतर एवं आंतरिक प्रतिरोध में संबंध स्थापित कीजिए

उत्तर- माना किसी सेल का विद्युत वाहक बल E आंतरिक प्रतिरोध । r है इसे वाह प्रतिरोध के साथ चित्र के अनुसार संयोजित किया गया है


तब विद्युत परिपथ का कुल प्रतिरोध = R+r

अतः ओम के नियम से परिपथ में पहने वाली धारा  I = कुल विद्युत वाहक बल/कुल प्रतिरोध

         ‌ I = E/R+r----------1


यदि सेल का टर्मिनलो विभांतर v पर हो तो इसके वाह्वय सिरो प्रतिरोध R के द्वारा प्रवाहित होने वाली धारा

             I = V/R----------2

समीकरण 1 व  २से


          E/R+r    = v/R

          ER = VR + VR

          ER - VR = VR

          ( E - V )R = VR

             r = ( E-V)R/V


         r =. ( E/V -1)R


यही सेल के आंतरिक प्रतिरोध विद्युत वाहक बल तथा विभवांतर में संबंध है


प्रश्न02:- किरचॉफ के धारा वितरण नियमों को लिखिए तथा उनकी व्याख्या करो

उत्तर- दिष्ट धारा के जटिल परिपथों एवं नेटवर्को से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए जर्मन भौतिक गुस्ताव रॉबर्ट किरचॉफ ने 2 नियमों का प्रतिपादन किया जिन्हें किरचॉफ के नियम कहते हैं


  1. प्रथम नियम या संधि का नियम- इस नियम के अनुसार किसी विद्युत परिपथ में किसी भी संधि पर मिलने वाली समस्त विद्युत धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है गणितीय रूप में इसे निम्न प्रकार से व्यक्त कर सकते हैं 

              सिगमाI = 0


व्याख्या - इस नियम का उपयोग करते समय किसी संधि में प्रवेश करने वाली धाराओं को धनात्मक तथा उससे निकलने वाली धाराओं को ऋण आत्मक लिया जाता है चित्र में किसी संधि O पर मिलने वाली धाराएं I1,I2,I3,I4,Iआदि है इसमें संधि की ओर आने वाली धाराएं I1,,I3,,I5 है तथा संधि से दूर जाने वाली धाराएंI2,I4हैं


तब इस नियम के अनुसार


        I- I+ I3- I4 + I5 = O


  1. द्वितीय नियम या लूप का नियम = इस नियम के अनुसार किसी विद्युत परिपथ के किसी बंद लूप में विद्युत वाहक बलो का बीजगणितीय योग उस लूप के विभिन्न भागों में धारा और संगत प्रतिरोधों के गुणनफल के बीजगणित के योग के बराबर होता है



व्याख्या- चित्र में विद्युत परिपथ के दो बंद लूप ABCDA तथा BCFEB प्रदर्शित किए गए हैं

बंद लूप ABCDEF में किरचॉफ के द्वितीय नियम से - 

      E1 - E2 = I1R1 - I2R




बंद  लूप  BEFCD मे


        E2 = I2 R2 + ( I1 +I2 ) R3. 



प्रश्न03:- विभवमापी का सिद्धांत क्या है आवश्यक विद्युत परिपथ देते हुए संक्षेप में  इसका वर्णन कीजिए तथा किसी सेल का आंतरिक प्रतिरोध मापने में इसका उपयोग कैसे किया जाता है

उत्तर- विभवमापी - विभवमापी एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग सामान्यता दो सेलों के विद्युत वाहक बल की तुलना करने में दोनों बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने में तथा किसी सेल का आंतरिक प्रतिरोध मापने में किया जाता है

संरचना - चित्र में विभवमापी प्रदर्शित है इसमें लकड़ी का एक समतल आयताकार तख्ता होता है जिसके ऊपर  1-1 मीटर लंबे 4‚6 या 10 तार के एक दूसरे के समांतर टुकड़े लगे होते हैं इसमें दो स्वतंत्र: सिरे A और B लगे होते हैं



माना विभवमापी के तार के किसी भाग की लंबाई l प्रतिरोध R तथा उसके अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A है तो उसके सिरों के बीच विभांतर V हो तो उसमें प्रवाहित होने वाली धारा I हो तो ओम के नियम से

         V= IR-------1

         R= रो .l/p------2


समीकरण 1 बार 2 से


        V=Iरो।

         V=Iरो।/ A


        V =  K।

जहां K= रोi/A नियतांक

          V अनुक्रमानुपाती l


इस प्रकार यदि एक समान अनुप्रस्थ काट वाले तार में नियत धारा प्रवाहित की जाए तो किन्हीं दो बिंदुओं के बीच विभांतर उस भाग के लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है यही विभवमापी का सिद्धांत है


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