प्रश्न01:- एंपीयर का परिपथए नियम लिखिए व सिद्ध कीजिए
उत्तर- एंपीयर का परिपथए नियम- इस नियम के अनुसार निर्वात में किसी बंद वक्र के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र B वेक्टर का रेखीय समाकलन उस बंद वक्र द्वारा किए गए क्षेत्रफल में उपस्थित कुल धारा I का म्यू० गुना होता है
बंद बक्र के लिए
जहां किसी बंद बक्र के अनुदिश रेखीय समाकलन है तथा म्यू० चुंबकीय क्षेत्र की चुम्बकन शीलता है
उत्पत्ति- असीमित लंबाई के एक रिजुरेखीय (सीधा) XY चालक की कल्पना करते हैं जिसमें I धारा प्रवाहित हो रही है इस चालक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं सम केंद्रीय व्रतों के रूप में होंगी जो चालक के लंबवत तल में स्थित होगी
तब चालक से r दूरी पर स्थित किसी बिंदु p पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता
B = म्यू०/4π.2I/r = म्यू०I/r-------1
चुंबकीय क्षेत्र रेखा प्रत्येक बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र उस बिंदु पर स्पर्श रेखा के अनुदेश होगा बिंदु P पर चुंबकीय क्षेत्र रेखा पर एक अल्प अवयव (अल्पांश) dl की कल्पना करते हुए तब B और dl के मध्य 0 डिग्री का कोण होगा अर्थात दोनों दिशाएं समान होंगी अब r त्रिज्या के वृत्त के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र B का रेखीय समाकलन निम्न होगा.
यही एम्प्यिर का परिपथए यह नियम है
प्रश्न02:- एंपीयर के परिपथए नियम का प्रयोग करते हुए सीधे लंबे धारावाही तार के समीप चुंबकीय क्षेत्र के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए
उत्तर- माना कागज के तल के लंबवत X Y एक सीधा तार है जिसमें धारा I प्रवाहित हो रही है इस तार के लंबवत दूरी पर एक बिंदु P है जिस पर हमें चुंबकीय क्षेत्र की गणना करनी है
तार के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं सम केंद्रीय व्रत के इस रूप में होंगी
अतः त्रिज्या r के वृत्त की कल्पना करते हुए जो बिंदु p से होकर गुजरता है तब एंपीयर के परिपथए नियम से
बिंदु p पर B तथा अव्यव dl की दिशा समान होगी अर्थात दोनों कोण 0° होगा तब
यही सीधे लंबे धारावाही तार के समीप चुंबकीय क्षेत्र के लिए व्यंजक है
प्रश्न03:- एक प्रोटॉन (q=1.6×10-19) चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है जिसकी तीव्रता 2000 गॉस X-अक्ष की ओर है प्रोटॉन पर लगने वाले बल की गणना कीजिए जबकि
प्रोटॉन का प्रारंभिक वेग शून्य हो
प्रोटोन का प्रारंभिक वेग (2×107) मीटर प्रति सेकंड . Y - दिशा की ओर हो
प्रोटोन का वेग (2×107) मीटर प्रति सेकंड X-दिशा की ओर हो
उत्तर-
प्रारंभिक वेग शून्य हो
V=O
सूत्र F = qVBSinठिठा
F = O
प्रोटोन का प्रारंभिक वेग (2×107) मीटर प्रति सेकंड . Y - दिशा की ओर हो
v= (2×107) मीटर प्रति सेकंड .
q=1.6×10-19 कूलॉम
B = 2000 गॉस
= 2000x 10-4 वेवर / मी2
ठिठा = 90° सूत्र F = qVBSinठिठा
F = 1.6×10-19 x 2×107 x 2000x 10-4 Sin90°
F = 6.4×10-13 न्यूटन
X-दिशा मे वेग होने पर ठिठा =0°
F =qVBSinठिठा
F = O Sinठिठा = 0
प्रश्न04:- चल कुंडली धारामापी में चुंबक के ध्रुव अवतल बेलनाकार काटे होते हैं क्यों ? कारण दीजिए
उत्तर - चल कुंडली धारामापी में चुंबक के ध्रुव अवतल बेलनाकार काटे होते हैं ताकि उनके बीच का क्षेत्र त्रिजीय हो जाए क्षेत्र के ॥ त्रिजीय होने से चुंबक का तल सदैव क्षेत्र के समांतर रहता है
Post a Comment