बायो सेवर्ट का नियम और कूलॉम के नियम की तुलना कीजिए

बायो सेवर्ट का नियम और कूलॉम के नियम की तुलना कीजिए

 प्रश्न01:- बायो सेवर्ट का नियम और कूलॉम के नियम की तुलना कीजिए

                  अथवा

बायो सेवर्ट का नियम और कूलाम का नियम लिखकर दोनों की तुलना कीजिए




उत्तर-  कूलॉम के नियम के अनुसार आवेश dq से r दूरी पर विद्युत क्षेत्र की परिणामी तीव्रता निम्न समीकरण द्वारा दी जाती है

      dE= 1/4πE०  .dq/r2


बायो सेवर्ट के नियम अनुसार धारा अवयव से r दूरी पर चुंबकीय क्षेत्र की परिणामी तीव्रता निम्न समीकरण के द्वारा दी जाती है


  dB=म्यू०/4π.   I.dl. Sinठीठा/ r2


उपर्युक्त समीकरणों के आधार पर दोनों नियमों की तुलना निम्न प्रकार दी जाती है


समानताएँ - 


  बायो सेवर्ट का नियम

कूलाम का नियम

इसमें चुंबकीय क्षेत्र दीर्घ परास में होता है क्योंकि यह व्युक्रम वर्ग के नियम का पालन करता है

इसमें भी विद्युत क्षेत्र दीर्घ परास में होता है क्योंकि यह भी व्युत्क्रम वर्ग नियम का पालन करता है

इसमें अध्यारोपण का सिद्धांत लागू होता है

इसमें भी अध्यारोपण का सिद्धांत लागू होता है

स्त्रोत Idl में चुंबकीय क्षेत्र रेखिक उत्पन्न होता है

स्त्रोत dqमें स्थिर विद्युत क्षेत्र रेखिक उत्पन्न होता है


आसमानताएँ- 


बायो सेवर्ट का नियम

कूलाम का नियम

इसमें चुंबकीय क्षेत्र स्त्रोत idl द्वारा उत्पन्न होता है

इसमें विद्युत क्षेत्र स्त्रोत dq के द्वारा उत्पन्न होता है

इस नियम के अनुसार चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण sinठीठा  पर निर्भर करता है

इसमें स्थिर विद्युत का परिमाण कोण पर निर्भर करता है


 

प्रश्न02:- धारावाही वृताकार लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र हेतु व्यंजक उत्पन्न कीजिए

उत्तर- धारावाही वृताकार लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र हेतु व्यंजक- 

 माना एक व्रताकार का केंद्र O तथा त्रिज्या r है इस लूप का तल कागज के तल में है इसमें धारा दक्षिणावर्त दिशा में प्रवाहित हो रही है इस धारावाही वृत्ताकार लूप के केंद्र O पर हमें चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी है.



माना वृत्ताकार धारावाहिक लूप को छोटे-छोटे अल्पांश ab,bc,cd,de…... आदि अल्पांशो में विभाजित माना जा सकता है तथा प्रत्येक अल्पांश कि केंद्र O से दूरी r होगी

 तब बायो सेवर्ट के नियम से केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का परिणाम


  dB=म्यू०/4π.   I.dl. Sinठीठा/ r2

                              (चुंकि ठीठा = 90°)

   

     =म्यू०/4π.   I.dl. Sin90°/ r2

                                  (Sin90°= 1)

dB=म्यू०/4π.   I.dl. / r2

इस प्रकार अल्पांश ab,bc,cd,de के कारण चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता  

  

        dB1=म्यू०/4π.   I.ab/ r2


       dB2=म्यू०/4π.   I.bc/ r2


        dB3=म्यू०/4π.   I.cd/ r2


         dB4=म्यू०/4π.   I.de/ r2


आत: केंद्र O पर परिणामी चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता


dB = dB1+ dB2 +dB3+dB4+……


= म्यू०/4π. I.ab/ r2 + म्यू०/4π. I.bc/ r2 + म्यू०/4π.I.cd/ r2 + म्यू०/4π. I.de/r2


  dB = म्यू०/4π. I/ r2 (ab+bc+cd+de..)

 

= म्यू०/4π. I/ r2 × धारावाही वृत्ताकार लूप की लंबाई


   = म्यू०/4π. I/ r2× 2πr

     dB = म्यू०I/ 2r


यदि कुंडली या लूप में फेरों की संख्या N हो तो

     dB = म्यू०IN/ 2r


यही धारावाही वृत्ताकार लूप के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक है.


प्रश्न03:- धारामापी किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं

उत्तर :- धारामापी उस उपकरण को कहते हैं जिसकी सहायता से किसी परिपथ में धारा की उपस्थिति का पता लगाया जाता है या धारा की प्रबलता का मापन किया जाता है 

धारामापी दो प्रकार के होते हैं जो निम्न प्रकार से हैं

  1. चल चुंबक धारामापी

  2. चल कुंडली धारामापी



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