12th Physics Notes PDF in Hindi Download
प्रश्न 01:- एक विद्युत परिपथ अचानक तोड़ दिया जाता है उसमें चिंगारी क्यों निकलती है
उत्तर- विद्युत परिपथ को अचानक तोड़ देने से कुंजी या स्विच के अंतराल में प्रबल विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है जिसके फलस्वरूप अंतराल में विद्युत विसर्जन होने लगता है जिसके कारण चिंगारी उत्पन्न होती है
प्रश्न 02:- 1 म्यू F(माइक्रो फैरड) धारिता के समांतर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच 10 वोल्ट प्रति सेकेंड की दर से बोलता में परिवर्तन हो रहा है संधारित्र में विस्थापन धारा का मान कितना होगा
उत्तर-
दिया है C = 1 म्यू F = 10 - 6
तथा dv/dt = 10 बोल्ट प्रति सेकंड
अब विस्थापन धारा ।d = C.dv/dt
= 10 - 6x10
= 10 - 5 एंपियर
प्रश्न03:- 2 म्यू F धारिता के समांतर पट्टिका संधारित्र के बीच बोलता 5 बोल्ट प्रति सेकेंड की दर से परिवर्तित हो रही है संधारित्र में विस्थापन धारा का मान कितना होगा
उत्तर-
दीया है 2 म्यू F = 2x10 - 6
तथा dv/dt = 5 बोल्ट प्रति सेकंड
अब विस्थापन धारा ।d = C.dv/dt
= 2x10 - 6= x5
= 10 - 5 एंपियर
प्रश्न04:- एक कुंडली का स्वप्रेरकत्व 20 मिली हेनरी है यदि कुंडली में 0.03 सेकंड में धारा 10 एंपियर से घटकर 7 एंपियर रह जाती है तो इसमें प्रेरित विद्युत वाहक बल ज्ञात कीजिए
उत्तर-
दिया है
स्वप्रेरकत्व = 20 मिली हेनरी
= 20 x 10 - 3 हेनरी
dt = 0.03 सेकंड
धारा में परिवर्तन d।= 7-10 =0-30एंपियर.
सूत्र
विद्युत वाहक बल E = Ld।/dt
= 20 x 10 - 3 x(-3)×100/0.03
=(-2)×10³ ×10-³
= -2 बोल्ट
प्रश्न05:- लंबाई 2 मीटर व्यास 4 सेंटीमीटर वाली परिनालिका मैं 2000 फेरे है इसके मध्य में 1000 फेरों वाली द्वितीयक परिनालिका लिपटी हुई है दोनों परिनालिकाओं के मध्य अन्योन प्रेरकत्व ज्ञात कीजिए
उत्तर- दिया है
परिनालिका की लंबाई I = 2 m
व्यास d= 4 c.m. = 4× 10-² m
क्षेत्रफल A =πr² = 22/7 ×(2×10-²)²
= 88/7 × 10-⁴
N1= 2000 , N2= 2000
अन्योन प्रेरकत्व m= म्यू०N1N2A/।
(म्यू=4×10-⁴)
= 4×10-7 ×1000×2000×88/7 × 10-⁴/ 2
=4×22/7×10-5
=158.04×10-5 हेनरी
=1.58 ×10-³हेनरी ans
प्रश्न06:- सिद्ध करो कि स्वप्रेरकत्व Lमें धारा ।० स्थापित करने के लिए आवश्यक चुंबकीय ऊर्जा 1/2 LI० से दी जाती है
उत्तर- जब किसी कुंडली में बैटरी से धारा प्रवाहित की जाती है तो धारा को स्थाई मान I० प्राप्त करने में कुछ समय लगता है जिससे कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है जो कुंडली में धारा के मान में वृद्धि का विरोध करता है बैटरी द्वारा धारा के मान को 0 से स्थाई मान I० तक बढ़ाने के लिए प्रेरित विद्युत वाहक बल के विरुद्ध कार्य किया जाता है यह कार्य कुंडली में स्थित ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है
माना किसी क्षण सूक्ष्म आवेश dq को परिपथ में चलाने के लिए बैटरी द्वारा किया गया कार्य dW है तो
dW = - edq
जहां e प्रेरित विद्युत वाहक बल है
dW = -[-LdI/dt ] dq. चुकि = -LdI/dt
dW = LdI/dt .dq
dW = LdI .dq/dt
dW = LI dI
कुंडली में धारा के मान को O से I० तक बढ़ाने में किया गया कार्य
W = L [ I०²/2-0]
W = 1/2l I०²
कुंडली में संचित ऊर्जा
U = 1/2LI०². Ans.
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