Bindu aavesh ke Karan kisi ke upar

Bindu aavesh ke Karan kisi ke upar

 प्रश्न01: - किसी बिंदु आवेश के कारण किसी बिंदु पर विभव के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए

उत्तर:-माना किसी बिंदु पर +q रखा है इससे r दूरी पर विद्युत क्षेत्र में एक बिंदु p स्थित है जिस पर हमें विद्युत विभव ज्ञात करना है


‍+q•_________________qo___F

                     P      B.        A

    _____r____.      __dx__

______________x___________


माना किसी बिंदु० से x दूरी पर OP दिशा में A पर एक  परीक्षण आवेश q0 स्थित है तब कूलॉम के नियम से तब q0 पर लगने वाला विद्युत बल


    F=1/4πEo.  qqo/x2-----------1 


परीक्षण आवेश q0 को विद्युत बल के विपरीत बिंदु A से B तक लाने में किया गया कार्य


   dW= बल X विस्थापन

        = FX ( - dx)

        = - 1/4πE०  .qq०   dx


यहां ऋण चिन्ह यह दर्शाता है कि विद्युत बल और विस्थापन की दिशाएं विपरीत हैं अतः परीक्षण आवेश q0 को अनंत से बिंदु तक लाने में किया गया कुल कार्य

    

प्रश्न02:- आवेशों के निकाय के कारण विद्युत विभव के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए

उत्तर:- माना वायु में किसी बिंदु P से r1,r2,r5……..rn दूरियों पर क्रमश. q1,q2,q5………..rn आवेशों का समूह स्थित है

बिंदु p पर कुल विवाह की गणना करना है


आवेश q1 के कारण विभव

    V= 1/4πEo.  .q1/r1


इसी तरह आवेश q2,q3,q4 के कारण विद्युत विभव


    V2= 1/4πEo.q2/r2

    V2= 1/4πEo.q3/r3

    V3= 1/4πEo.q4/r4

              .

              .

              .

     Vn= 1/4πEo.qn/rn


चुंकि विभव एक सदिश राशि है समस्त आवेशों के कारण बिंदु P पर कुल विभव v उन आवेशों के कारण बिंदु P पर  विभवो के बिजीय योग के बराबर होगा


  v = v1+V2+V3+.............vn



प्रश्न03- समविभव पृष्ठ किसे कहते हैं इसके गुणों को लिखिए

उत्तर-समविभव पृष्ठ :-वह पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिंदु पर विभव का मान सम्मान होता है समविभव पृष्ठ कहलाता है



इसके गुण निम्न प्रकार है

  1. समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिंदु का मान एक समान होता है

  2. समविभव पृष्ठ में एकांक धन आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में कोई कार्य नहीं करना पड़ता

  3. बिंदु क्षेत्र रेखाएं समविभव के अभिलंब होती हैं

  4. दो समविभव पृष्ठ एक दूसरे को कभी नहीं काटते हैं

  5. किसी बिंदु चालक का पृष्ठ सदैव समविभव पृष्ठ होता है

  6. समविभव पृष्ठ के अनुदेश विद्युत क्षेत्र का मान 0 में होता है



प्रश्न04- किसी विलगित गोलीय चालक की धारिता के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए

                    अथवा

सिद्ध कीजिए कि एक विलगित गोलीय चालक धारिता उसकी त्रिज्या के अनुक्रमानुपाती होती है


उत्तर- माना एक गोली A विलगित चालक है जिसकी त्रिज्या r तथा केंद्रो O है उसे +q आवेश देने पर यह उसके बाहरी पृष्ठ पर समान रूप से वितरित हो जाता है इस स्थिति में यह चालक समविभव पृष्ठ की तरह व्यवहार करने लगता है इसलिए विद्युत क्षेत्र रेखाएं इस पृष्ठ के अविलंब होती हैं तथा चालक के केंद्रों O से आती हुई प्रतीत होती हैं अत: चालक को दिया गया संपूर्ण आवेश उसके केंद्रों O पर स्थित माना जा सकता है








इसीलिए चालक के पृष्ठ पर स्थित किसी बिंदु पर विभव

      V= 1/4πEo.   q/r--------1


अतः विलगित गोलीय चालक की धारिता C=q/v


समीकरण एक से v का मान रखने पर

        C= q/1/4πEo. q/R

  

         C=4πEoR फैरड


स्पष्ट है की  Cअनुक्रमानुपाती R


अर्थात विलगित गोलीय चालक की धारिता उसकी त्रिज्या के अनुक्रमानुपाती होती है


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