नाटक और एकांकी में अंतर उदाहरण सहित (natak ekanki mein antar hindi)
दोस्तों आज की पोस्ट में हम आपको नाटक करते हैं और एकांकी के बारे में बताएंगे। एकांकी किसे कहते हैं? ये इन अंतर क्या है? नाटक का आकार कैसा होता है एकांकी का आकार कैसा होता है ।नाटक और एकांकी को कैसे ध्यान पर रखें। कहानी और नाटक में क्या अंतर होता है ।शायद ही आपको इस बारे में जानकारी होगी कि निबंध और नाटक के बीच में क्या अंतर होता है। और साथ ही इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कहानी और उपन्यास में क्या अंतर होता है? है पोस्ट को। पढ़ने के बाद इन सभी टॉपिक को आपकी अच्छी पकड़ हो जाएगी। और इसके बाद आपको ये सभी जैसे नाटक एकांकी कहानी निबंध आदि की जानकारी अच्छी तरह से हो जाएगी ।चलिए शुरू करते हैं इस पोस्ट को ।पोस्ट पसंद आए तो अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें। कर रहे हैं।
नाटक कहते हैं?
नाटक काव्य का ही एक हिस्सा है, जो 10 गांव के अंतर्गत आता है। इसे यदी हम साधारण सी भाषा में कहें तो जो लोग टीवी, रेडियो या बिल्डर पर किसी कहानी को विस्तार से प्रदर्शन करते हुए प्रस्तुत करते हैं उसे नाटक कहते हैं।
नाटक में कई प्रकार के पात्र होते हैं उन सभी के अपने नाम होते हैं और उन्हें अलग-अलग किरदार के अनुसार प्रदर्शन करना पड़ता है ।इन्हें बहुत सारे लोग साझा होकर पर प्रदर्शन करते हैं और इसमें किसी भी वाक्य को या कोई पूरी कहानी को भाव के साथ के हाथ, पैर, आंख, चेहरा सभी का इस्तेमाल करके लोगों के सामने अच्छी सी सशक्ति दी जाती है जैसे कि वह हमारे सामने ही घटती कहानी है।]
एकांकी किसे कहते हैं?
एक एक अंग वाले नाटक को एकांकी कहते हैं ।नाटक की तुलना में इसमें पदों की संख्या कम होती है और है लघु आकार का होता है ।नाटक में मूल कथा के साथ-साथ अन्य प्रासंगिक कथाएँ भी होती हैं जबकि एकांकी में मूल कथा ही होती है। ।
आकार में छोटे होने के कारण इसमें जीवन का खंड चित्र प्रस्तुत होता है अर्थात कोई जीवन के किसी एक भाग का वर्णन होता है ।नाटक के समान इसके भी 6 तत्व होते हैं। एकांकी का अर्थ होता है, कि जब कोई नाटक में किसी एक व्यक्ति को का ही संपूर्ण वर्णन हो वह भी उसकी व्यवस्था के बाद तो हम उसे एकांकी कहते हैं।
नाटक और एकांकी में क्या अंतर है
खेल -
नाटक में कई बिंदु होते हैं।
नाटक वृहद आकार का होता है।
इसमें संख्या की संख्या बहुत अधिक होती है।
नाटक में मूल कथा के साथ-साथ प्रासंगिक कथाएँ भी होती हैं।
नाटक की विकास प्रक्रिया शुरू से अंत तक धीमी गति से संपन्न होती है।
उदाहरण के लिए -
जयशंकर प्रसाद -चंद्रगुप्त
जगदीश चंद्र माथुर -कोनारक
वनांकी -
एकांकी में 1 अंक होता है।
एकांकी लघु आकार की होती है।
इसमें उनकी संख्या कम होती है।
एकांकी में मूल कथा ही होती है।
एकांकी शुरू से अंत तक तेजी से पूरा होता है।
उदाहरण के लिए
रामकुमार वर्मा -दीपदान
भारतेंदु हरिश्चंद्र -अंधेरी नगरी
नाटक के उदाहरण -
जयशंकर प्रसाद -चंद्रगुप्त
जगदीश चंद्र माथुर - कोणार्क
वनांकी के उदाहरण -
रामकुमार वर्मा -दीपदान
भारतेंदु हरिश्चंद्र -अंधेरी नगरी
हिंदी के प्रमुख नाटक और उनकी रचनाकार।
हिंदी की प्रमुख एकांकी और उनकी रचनाकार।
एकांकी से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण तथ्य -
भारतेंदु से एकांकी नाटक का प्रारंभ मानने वाले विद्वान - सत्येंद्र
निबंध और नाटक में अंतर
कहानी और नाटक में अंतर टेलरई
कहानी और उपन्यास में अंतर
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एकांकी नाटक
खेल और फिल्म में अंतर
जीवनी और आत्मकथा में अंतर
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